Top sidh kunjika Secrets
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देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
ओं ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर रहे हैं तो हाथ में जल, फूल और अक्षत get more info लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः।।